NTT Course: शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने का सपना देख रहे युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार ने 15 साल के लंबे अंतराल के बाद नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) कोर्स को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। अब इस कोर्स को डिप्लोमा इन प्री-स्कूल एजुकेशन के नाम से जाना जाएगा। यह दो साल का कोर्स प्री-स्कूल शिक्षकों की कमी को पूरा करने और नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए शुरू किया जा रहा है।
प्री-स्कूल शिक्षा बच्चों के भविष्य की नींव होती है। छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए खास तरह की ट्रेनिंग और धैर्य की जरूरत होती है। एनटीटी कोर्स का मकसद यही है कि शिक्षकों को प्री-प्राइमरी बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार किया जाए। यह कोर्स न केवल शिक्षकों को जरूरी कौशल सिखाता है बल्कि उन्हें प्री-प्राइमरी स्कूलों में नौकरी पाने का मौका भी देता है। खास बात यह है कि इस कोर्स के बाद आपको बी.एड. करने की जरूरत नहीं होगी। यानी यह एक शिक्षक बनने का सीधा और तेज रास्ता है।
कोर्स को फिर से शुरू करने की वजह
पिछले कुछ सालों में राज्य के कई स्कूलों, खासकर अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी राजकीय स्कूलों और पीएम श्री स्कूलों में प्री-प्राइमरी शिक्षकों की भारी कमी देखी गई है। नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में प्री-प्राइमरी शिक्षा को मजबूत करने पर जोर दिया गया है। इसके तहत स्कूलों में 3 साल तक प्री-प्राइमरी कक्षाएं चलाने की अनुमति दी गई है, लेकिन योग्य शिक्षकों की कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई थी। इस कमी को दूर करने के लिए सरकार ने एनटीटी कोर्स को फिर से शुरू करने का फैसला किया। यह कोर्स उन युवाओं के लिए सुनहरा अवसर है जो शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देना चाहते हैं।
कोर्स की योग्यता और पात्रता
एनटीटी कोर्स में दाखिला लेने के लिए ज्यादा जटिल शर्तें नहीं हैं। अगर आपने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा कम से कम 50% अंकों के साथ पास की है, तो आप इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें किसी भी स्ट्रीम (आर्ट्स, साइंस, या कॉमर्स) के छात्र हिस्सा ले सकते हैं। इसके अलावा आपकी उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए। यह कोर्स सभी के लिए खुला है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें शामिल हो सकें और प्री-स्कूल शिक्षक बनने का मौका पा सकें।
कोर्स की अवधि और ढांचा
यह कोर्स दो साल का है और इसे राज्य के 34 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डाइट) में शुरू किया जा रहा है। कोर्स के दौरान आपको प्री-स्कूल बच्चों को पढ़ाने की तकनीक उनकी मानसिक और भावनात्मक जरूरतों को समझने और क्लासरूम मैनेजमेंट जैसे विषयों की गहन ट्रेनिंग दी जाएगी। कोर्स पूरा होने के बाद आप प्री-प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक की नौकरी के लिए सीधे आवेदन कर सकते हैं। खास बात यह है कि इस कोर्स के बाद आपको थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए अलग से बी.एड. की जरूरत नहीं होगी।
पहले क्यों बंद हुआ था एनटीटी कोर्स?
साल 2010 में राज्य सरकार ने थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती के नियमों में बदलाव किया था, जिसके तहत एनटीटी कोर्स को मान्यता से हटा दिया गया। उस समय सरकार ने सभी एनटीटी संस्थानों की मान्यता रद्द कर दी थी। लेकिन अब प्री-प्राइमरी शिक्षा की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए सरकार ने इस कोर्स को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। इसके लिए सभी डाइट्स में संसाधनों की कमी को पूरा किया गया है ताकि कोर्स को सुचारू रूप से चलाया जा सके।