High Alert 6 State: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव एक बार फिर सुर्खियों में है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इस हमले में 26 मासूम लोगों की जान चली गई जिसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर कड़ी कार्यवाही की थी। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे सीमावर्ती राज्यों में हाई अलर्ट जारी किया गया है।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के कारण भारत सरकार ने कई राज्यों में सतर्कता बढ़ा दी है। खास तौर पर उन राज्यों में जो पाकिस्तान से सटी सीमाओं के करीब हैं सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। बिहार में भी सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं। इन राज्यों में न केवल पुलिस और प्रशासनिक कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द की गई हैं बल्कि आम सरकारी कर्मचारियों को भी अपने मुख्यालय में रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसका मकसद किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहना है।
स्कूल-कॉलेज बंद, बच्चों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता
तनाव के इस माहौल में बच्चों और आम नागरिकों की सुरक्षा को सबसे ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। पंजाब के फिरोजपुर, पठानकोट, फाजिल्का, अमृतसर, गुरदासपुर, और तरनतारन जैसे सीमावर्ती जिलों में सभी स्कूल और कॉलेज तीन दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं। जम्मू-कश्मीर में भी कठुआ, बारामूला, कुपवाड़ा, और श्रीनगर जैसे इलाकों में शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। राजस्थान के श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, और बाड़मेर जैसे जिलों में भी स्कूलों को अगले आदेश तक बंद रखने का फैसला लिया गया है। चंडीगढ़ में भी सभी स्कूल दो दिनों के लिए बंद हैं। इन कदमों का उद्देश्य बच्चों को किसी भी संभावित खतरे से सुरक्षित रखना है।
ब्लैकआउट और हवाई उड़ानों पर रोक
राजस्थान में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कुछ इलाकों में रेड अलर्ट और ब्लैकआउट लागू किया गया है। जैसलमेर, बाड़मेर, और जोधपुर जैसे जिलों में रात के समय बिजली आपूर्ति बंद की जा रही है ताकि सैन्य गतिविधियों में कोई बाधा न आए। इसके अलावा, जोधपुर, बीकानेर, और अजमेर के हवाई अड्डों पर 10 मई तक उड़ान संचालन को निलंबित कर दिया गया है। अमृतसर हवाई अड्डे पर भी सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें अगले कुछ समय के लिए रोक दी गई हैं। ये कदम हवाई हमले की आशंका को ध्यान में रखकर उठाए गए हैं।
तटीय सुरक्षा में भी सख्ती
गुजरात जो अपनी लंबी समुद्री सीमा के लिए जाना जाता है वहां भी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। राजकोट रेंज के अंतर्गत आने वाले जामनगर, मोरबी, और देवभूमि द्वारका जैसे जिलों में तटीय पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए “देखते ही गोली मारने” के आदेश दिए गए हैं। ये कदम यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि समुद्री रास्ते से कोई खतरा भारत तक न पहुंचे।
पश्चिम बंगाल और बिहार में भी सतर्कता
पश्चिम बंगाल जो बांग्लादेश के साथ 2,217 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है वहां भी प्रशासन ने सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां अगले आदेश तक रद्द कर दी हैं। राज्य सरकार ने “वर्तमान स्थिति” को देखते हुए यह फैसला लिया है। बिहार में भी ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को छुट्टी लेने से मना किया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग को भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर
इस पूरे तनाव की शुरुआत 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से हुई। इस हमले में 26 लोग जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे अपनी जान गंवा बैठे। यह 2000 के बाद सबसे घातक हमलों में से एक था। इसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर मिसाइल हमले किए। भारतीय सेना ने इन हमलों को सटीक और प्रभावी बताया जिसमें किसी भी नागरिक या सैन्य ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचा। हालांकि पाकिस्तान ने इन हमलों में 26 नागरिकों के मारे जाने का दावा किया है जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।