NEET UG Revised Result: सुप्रीम कोर्ट का नीट यूजी रिवाइज्ड रिजल्ट को लेकर आदेश जारी, अब रिवाइज्ड रिजल्ट जारी होगा या नहीं देखें अपडेट 

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NEET UG Revised Result: नीट यूजी 2025 के परिणाम और फाइनल आंसर-की को लेकर उठा विवाद अब थम गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक छात्र की याचिका को खारिज कर दिया जिसमें रिवाइज्ड रिजल्ट जारी करने और काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई थी। इस फैसले ने लाखों छात्रों के लिए अनिश्चितता को खत्म कर दिया है और अब मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसलिंग का रास्ता साफ हो गया है।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित नीट यूजी 2025 की परीक्षा 4 मई 2025 को हुई थी। इसके परिणाम 14 जून को घोषित किए गए थे। एक छात्र शिवम गांधी रैना ने दावा किया कि फाइनल आंसर-की में तीन सवालों के जवाब गलत थे जिसके कारण उनकी रैंक और मेडिकल कॉलेज में दाखिले की संभावनाएं प्रभावित हुईं। विशेष रूप सेउन्होंने प्रश्न संख्या 136 (कोड 47) के उत्तर को गलत बताया। उनके अनुसार एनसीईआरटी की कक्षा 11 की जीव विज्ञान की किताब में दी गई जानकारी के आधार पर उनका जवाब सही था लेकिन आंसर-की में इसे गलत दर्ज किया गया। इस आधार पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जिसमें आंसर-की में सुधार, रिवाइज्ड रिजल्ट जारी करने और काउंसलिंग पर रोक की मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला, व्यक्तिगत शिकायतों में हस्तक्षेप नहीं

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने 4 जुलाई 2025 को इस याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में व्यक्तिगत शिकायतों के आधार पर हस्तक्षेप करना उचित नहीं है। बेंच ने कहा कि भले ही याचिकाकर्ता का दावा सैद्धांतिक रूप से सही हो लेकिन लाखों छात्रों द्वारा दी गई परीक्षा में हर उत्तर की अलग-अलग जांच संभव नहीं है। कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि दो दिन पहले भी एक ऐसी ही याचिका को खारिज किया गया था। इस फैसले के साथ कोर्ट ने रिवाइज्ड रिजल्ट की मांग और काउंसलिंग पर रोक की याचिका को पूरी तरह खारिज कर दिया।

याचिकाकर्ता की दलील

याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी के परिणामों में हस्तक्षेप किया था। उस समय आईआईटी दिल्ली की विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर आंसर-की में सुधार किए गए थे। वकील ने तर्क दिया कि इस बार भी ऐसी ही समिति गठित की जाए ताकि गलत जवाबों की जांच हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि एक अंक का अंतर भी छात्रों की रैंक और करियर पर गहरा असर डाल सकता है। हालांकि, कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया और कहा कि 2024 का मामला व्यापक अनियमितताओं से जुड़ा था जबकि यह याचिका केवल एक छात्र की व्यक्तिगत शिकायत पर आधारित है।

छात्रों के लिए इसका मतलब

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने नीट यूजी 2025 के परिणामों को अंतिम रूप दे दिया है। अब रिवाइज्ड रिजल्ट की कोई संभावना नहीं बची है और काउंसलिंग प्रक्रिया जल्द शुरू होने की उम्मीद है। यह फैसला उन लाखों छात्रों के लिए राहत की खबर है जो काउंसलिंग और मेडिकल कॉलेजों में दाखिले का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि याचिकाकर्ता जैसे कुछ छात्रों के लिए यह निराशाजनक हो सकता है जो मानते हैं कि आंसर-की की गलतियों ने उनकी रैंक को प्रभावित किया।

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